पृथ्वी कहन लगी ब्रह्मा से लाज बचा दयो न मेरी। उग्रसेन का कंस अधर्मी रिसियो पे विपता गेरी।

पृथ्वी कहन लगी ब्रह्मा से लाज बचा दयो मेरी। 

उग्रसेन का कंस अधर्मी रिसियो पे विपता गेरी। 

 

यज्ञ हवं तप दान रहे ना होगी सूं बलहीन प्रभु ,

संध्या तर्पण , अग्नि होत्र कर दिए एरा तीन प्रभु ,

वेद शास्त्र  उपनिषदो करता नुक्ताचीन प्रभु ,

राम नाम सबका छुटवाया कुकर्म में लो लीन प्रभु ,

जरासंध शिशुपाल अधर्मी रखते है हेरा फेरी। ........ 

पृथ्वी कहन लगी ब्रह्मा से लाज बचा दयो मेरी। 

उग्रसेन का कंस अधर्मी रिसियो पे विपता गेरी। 

 

 

गंगा जमना त्रिवेणी का बंद करया अस्नान प्रभु ,

जहाँ साधु संत महात्मा योगी करया करे गुजरान प्रभु ,

मंदिर और शिवाले ढह दिए घाल दिया घमाशान प्रभु ,

हाहाकार मची दुनिया मह जल्दी चल भगवान प्रभु ,

मई मृतलोक मह फिरू भरमति आके शरण लयी तेरी।  ....... 

पृथ्वी कहन लगी ब्रह्मा से लाज बचा दयो मेरी। 

उग्रसेन का कंस अधर्मी रिसियो पे विपता गेरी। 

 

 

न्याय निति और मनुस्मृति भूल गया संसार पभु ,

भूल गया मर्यादा जमाना होरी मारो मार प्रभु

कोन्या ज्ञान रह्या दुनिया मह होगये अत्याचार प्रभु ,

पत्थर बांध के ऋषि डुबो दिए जमना जी की धार प्रभु ,

संत भाजजये हिमालय पे मथुरा में दुबाढेरी।।.................

पृथ्वी कहन लगी ब्रह्मा से लाज बचा दयो मेरी। 

उग्रसेन का कंस अधर्मी रिसियो पे विपता गेरी। 

 

 

सतयुग मह हिरणाकुश मर्या नरसिंघ रूप धरया प्रभु ,

त्रेता मह तने रावण मारया  बन के राम फिर्या प्रभु ,

कृष्ण बन के कंश मार दे होज्या ब्रिज हरया प्रभु ,

कहे मांगेराम रम्य सब मह हु सेवक शाम तेरा प्रभु ,

ब्रज मह रास दिखा दे आके गोपी जन्म घरा लेरी। ......

पृथ्वी कहन लगी ब्रह्मा से लाज बचा दयो मेरी। 

उग्रसेन का कंस अधर्मी रिसियो पे विपता गेरी। 

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