एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !

 एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !

मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!


एक चिड़े की चिड़िया मरगी, दूजी लाया ब्या के !!

देख सोंप के बच्चों ने , वा बैठ गयी गम खा के !!

चिड़ा घर ते चला गया , फेर समझा और बुझा के !!

उस पापन ने वो दोनों बच्चे , तले गेर दिए ठा के !!

चोंच मार के घायल कर दिए , चिड़िया ने जुलम गुजार दिए !!


एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !

मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!


मैं मर जा तो मेरे पिया तू , दूजा ब्या करवायिए ना !!

चाहे इन्दर की हूर मिले , पर बीर दूसरी लाईये ना !!

दो बेटे तेरे दिए राम ने , और तन्नै कुछ चायिए ना !!

रूप - बसंत की जोड़ी ने तू , कदे भी धमकायिये ना !!

उढ़ा पराह और नुहा धूवा के , कर उनका श्रृंगार दिए !!

एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !

मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!


याणे से की माँ मर जावे , धक्के खाते फिरा करे !!

कोई घुड़का दे कोई धमका दे , दुःख विपदा में घिरा करे !!

नों करोड़ का लाल रेत में , बिन जोहरी के ज़रा करे !!

पाप की नैया अधम डूब जा , धर्म के बेड़े तिरा करे !!

मरी हुई ने मन्ने याद करे तो , ला छाती के पुचकार दिए !!

एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !

मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!


मेरा फ़र्ज़ से समझावन का ,ना चलती तदबीर पिया !!

रोया भी ना जाता मेरे , गया सुख नैन का नीर पिया !!

मेरी करनी मेरे आगे आगी , आगे तेरी तक़दीर पिया !!

लख्मीचंद तू मान कहे की , लिया समय आखिर पिया !!

मांगे राम ते इतनी कह के , रानी ने पैर पसार दिए !!


एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !

मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

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