तेरे रेत में आण मिलूँगा 7 वर्ष तक गाया ।-टेक
14-11-67 ने गँगा जी नहाण गया था,
म्रत्यु के दिनं नेड़े आग पहलम जाण गया था,
स्याणा ते थे बहोत घणा के भूल औसाण गया था,
घन्ने दिन ते गाया करता वो प्रण निभाण गया था,
15 तारीख 8 बजे जा गंगा जी में नहाया
तेरे रेत में आण मिलूँगा 7 वर्ष तक गाया ।-टेक
16-11-67 ने जिक्र चलावण लाग्या,
बुद्ध का सांग बणाया स या कथा सुणावण लाग्या,
बुद्ध की मा न सुपना आया न्यू समझावण लाग्या,
सोने का दिया पहाड़ दिखाई न्यू बतलावण लाग्या,
हाथी न आक़े पहाड़ का चक्र 1 लगाया।
तेरे रेत में आण मिलूँगा 7 वर्ष तक गाया ।-टेक
चक्र चार कहे लडके ने एक दम दहका खाग्या,
लगा समाधि तुरिया पद की आगा सोचण लाग्या,
प्राण खीच लिए उपर ने सिर न आग्या,
10वे द्वार पर प्होच गये आग्गे लखमीचंद पाग्या,
चरण पकड़ क गेल हो लिया उल्टा कोन्या आया।
तेरे रेत में आण मिलूँगा 7 वर्ष तक गाया ।-टेक
घोर अँधेरा होया चाणचक बाती तेल खत्म होग्या,
10 इन्द्री 25प्राक्रति इनका मेल खत्म होग्या,
5 तत्व से बण्या पुतला वो भी गैल खत्म होग्या,
माट्टी के म़ाह माटी मिलगी सारा खेल खत्म होग्या,
जयनारायण फिरे टोहव्ता गुरु गंगा बीच समाया।
तेरे रेत में आण मिलूँगा 7 वर्ष तक गाया ।-टेक
20 वर्ष तक दुनिया के में लख्मीचंद याद दिवाया,
तेरे रेत में आण मिलूँगा 7 वर्ष तक गाया ।-टेक
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