भजन
बाबा जी भण्डार तेरे मै किसी चीज का घाटा ना
मेरी झोली क्यूँ खाली रह गई, न्यू मन्ने बेरा पाटा ना
जिसने जो माँगा बाबा जी, उसकी झोली भरी तन्नै
मै दिन रात भटकता डोलू, ना नजर महर की करी तन्ने -2
मै पागल हो लिया धाते धाते औ-२, मेरा दुखडा काटा ना
मेरी झोली क्यूँ
नरसी जी का भात भराया, धन्ना की फसल उगाई
अर्जुन का बन गया सारथी, तू खुद कृष्ण कन्हाई -2
मेरी बारी ना आयी औ-२, मेरे दुख का काढ़ा कांटा ना
मेरी झोली क्यूँ
सारी जिंदगी गुजर गयी, धाने मै कसर नहीं छोड़ी
माला माल करी दुनिया मेरे पास नहीं फूटी कौड़ी -2
वस्त्र एक फटे जोड़ी औ-२, घर मुट्ठी भर मेरे आटा ना
मेरी झोली क्यूँ
भारी भीड़ तेरे भगतों की, के मुझपै पड़ी निगाह नहीं
या फिर तू निरमोही हो गया सुनी भगत की आह नहीं -2
गौतम भाटी का गाना औ-२, दिल जावै फिर डाटा ना
मेरी झोली क्यूँ
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