भजन
अरी मेरी बहना
जब जब मै खोलू किवड़िया
ठाडो दिखे री सावरिया
झुक जाये ये मेरी नजरिया लाज से
जाने इतनी मै तड़फायी....
मोपे तनिक ना झिली जुदाई
मेरे नैना तो लड़ गए
ब्रज राज से...
मेरी बहना झुक जाये........
एक दिना की बात कहू मेरे
कान्हा घर पे आयो
मीठी मीठी बजा मुरलिया
मेरा मन भरमायो
री मनवा मनवा मेरो ले हिचकोले
जियरा मेरा डग मग डोले
मुरली की मीठी आ वाज से
मेरी बहना................
जब से दर्शन कियो श्याम को
मै है गयी दीवानी
प्रेम रंग मै ऐसी रंग गयी
मेरी मती बोरानी
रे बैरन बैरन ये भई है मुरलिया
दिल मै महके रे फुलवड़िया
मै तो अब तेरी है गयी आज से...
मेरी बहना झुक जाये.................
रात दीना मै रटूं सावरिया
ढिंग मेरे नहीं आवे
मै तो जोगन भई प्यार मै
मोकु मती छकावे
के आइके आइके सुध ले बनवारी
पागल मै फिरू मुरारी
मै तो अब तेरी तरो ताज से
मेरी बहना झुक जाये.........
जितनी तन्नै मै तडफ़ाइ
काउ और कू मत तडपाइयो
कहै भगवती आये के मेरी
नैया पार लगाइयो
के नैया नैया के खेवनहारे
राधे के प्राणन प्यारे
भगतन हित नंगे पैरन भागते...
मेरी बहना झुक जाये..........
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