काल सुबह गुरु खोली पै जाइयो मेरी, एक अरज सुन जाइयो जी......

 

भजन


काल सुबह गुरु खोली पै जाइयो मेरी,

एक अरज सुन जाइयो जी......

शाल मेरा हां, शाल मेरा कीमत का गुरु जी,

रंग देख कै लाइयो जी

 

मेरे शाल पै, राम और लक्ष्मण, चरत भरत का जोड़ा हो

पंचवटी मै, ऋषि तपै, सीता का गड़ा हिंडोला हो

राम और लक्ष्मण, खड़े लखावै, लव और कुश का घोडा हो

सीता जी नै गुरुदेव मेरे ……

सीता जी नै गुरुदेव मेरे शाल पै गुंदवाइयो जी

शाल मेरा कीमत का गुरु जी...............

 

मेरे शाल पै मोर पपीहे, किरशन गऊ चराते हो

गुजरियो का, दही खोंच कै, मार सपडके खाते हो

किरशन जी की बांसुरी मेरे ……

किरशन जी बांसुरी मेरे शाल पै बजवाइयो जी

शाल मेरा कीमत का गुरु जी...............

 

मेरे शाल पै, ब्रह्मा विष्णु, सृष्टि वेद रचाते हो

मेरे शाल पै, शिव शंकर, पर्वत  पै आसन लाते हो

मेरे शाल पै मोहन बाबा, अंग विभूति रमाते हो

मोहन राम का फोटू गुरु जी......

मोहन राम का फोटू गुरूजी मेरे शाल पै खिचवाइयो जी

शाल मेरा कीमत का गुरु जी...............

 

मेरे शाल पै, नेतराम गुरु, आसन ऊपर बैठे हो

मथन दास चरणों का सेवक, चरणों मै ध्यान लगाते हो

एक अरज गुरु मेरी भी सुनियो.....

एक अरज गुरु मेरी भी सुनियो मोहे, दरश मोहन के दिवाइयो जी

शाल मेरा कीमत का गुरु जी...............

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