भजन
तर्ज: कन्हैया मेरे सो जा रे मत रोवे रे
देर क्यों हो रही है ओ बाबाजी
देर क्यों हो रही है ओ बाबाजी
भीड़ तेरे भगतो की भारी
दर्श दे आके गिरधारी
देर क्यों हो रही है ओ बाबाजी
द्वार पे दुखिया आन पड़े
बाबाजी तन्ने दुखड़े नाय हरे
ये परजा रो रही है ओ बाबाजी
देर क्यों हो रही है ओ बाबाजी
मोहन बिन कोण करे मन चाहे
बाबा जी तेरी भेट शीरनी लाये
घनी ना थोड़ी है ओ बाबाजी
देर क्यों हो रही है ओ बाबाजी
श्याम तेरी काली खोली में
बरस रह्या रंग अब होली में
के सुध बुध खो रही है ओ बाबाजी
देर क्यों हो रही है ओ बाबाजी
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