कहुँ हाथ जोड़ कै, काली खोली छोड़ कै चले आना चले आना कन्हैया चले आना

 

भजन

तर्ज : कभी राम बनके कभी श्याम बनके.....

कहुँ हाथ जोड़ कै, काली खोली छोड़ कै चले आना

चले आना कन्हैया चले आना

 

क्यूँ पड़ा रै गुफा मै सोवै,

तेरे दास द्वार पै रोवै

तू मत ना करै अवार, हो कै घोड़े पै असवार

चले आना, चले आना कन्हैया चले आना

 

भक्तों का साथ निभाओ,

बाबा आज दरश दिखाओ

दुखिया रोवै नो नो धार, कोई सुनता नहीं पुकार

चले आना, चले आना कन्हैया चले आना

 

मेरी टूटी आस बंधा दो,

मेरा खेवा पार लगा दो

मेरा खेवा है मझदार, बाबा दीजो ठोकर मार

चले आना, चले आना कन्हैया चले आना

 

तन्नै कैसे नींद सुहा रही, मैंने तेरी बाट बुहारी

तेरा लगा हुआ दरबार, आजा खोली के सरदार

चले आना, चले आना कन्हैया चले आना

 

तेरा दास मथन चरनन का,

हमें पता नहीं करमन का

ना कोई बचके जाये, राजन रहया हमें समझाए

चले आना, चले आना कन्हैया चले आना

 

मुझे खबर तेरी अब पागी, गया बता प्रेमसिंह भाटी

सोनू गया मिलकपुर धाम, जाकै करा तुझे प्रणाम

चले आना, चले आना कन्हैया चले आना

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