हो... बढ़ी के आरा दे दी जो -2

 हो... बढ़ी के आरा दे दी जो -2

एक पड़ा रे जरू री काम

हो.... बढ़ी के.......

 

मेरे यज्ञ मै दो साधु आये, एक शेर साथ मै लाये

वो तो तीन वचन भरवाए रे बोलो हरे.......

तीन वचन भरवाए साधु, करने लगे कमाल

हो.... बढ़ी के.............

 

पड़े दूजी शर्त चुकानी, होवे बेटे की कुर्बानी

जो बहे नैन सै पानी रे बोलो हरे.......

शेर भोजन नहीं करे, चाहे लाख करो इंतज़ार

हो.... बढ़ी के.....

 

नहीं वचनो सै नाटूंगा, सर बेटे का काटूंगा

मन रामपाल डाटूंगा रे बोलो हरे.......

बिट्टू और सुशिल भी भगतो, रटे राम का नाम

हो.... बढ़ी के.........

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