मेरे बाबा मोहन राम जी तेरी
हो रही जय जय कार
या दुनिया झूम रही तेरी काली खोली मै
होओओओओ बाबा जी
कस्तूरी मृग की नाभि मै करता ख़ोज फिरै देखो
अली कली रस बस मै होके भवरा मंद मरा देखो
जैसे चिराग पतंग मस्त हो मन की मौज मरा देखो
जीभ कटा लई चाम की फिर हो बैठा लाचार
ये दुनिया झूम रही तेरी काली खोली मै
मीठे फल नहीं खा सकता जो विष के बिड़वे बोवै सै
वेद अनादी कहते हैं भई कर्मो का फल पावै सै
लाल पडा रहे गलिहारे मै मूर्ख नर नहीं ठावै सै
डोर हाथ सै छूटे पीछे धोके नर पछतावै सै
बात रहे ना किसी काम की चाहे
मर जाओ टक्कर मार
ये दुनिया झूम रही तेरी काली खोली मै
कोई कहे तन्नै शिव शंकर भई देखो भोला भाला सै
कोई कहे तन्नै नन्द बाबा का कृष्ण कन्हैया वारा सै
कोई कहे तन्नै बाबा जी भई देखो खोली वाला सै
पूजा होवै तेरे धाम की तोहे धावे नर और नार
ये दुनिया झूम रही तेरी काली खोली मै
गुरु नेतराम कहे काले रंग पै दूजा रंग चढ़े कैसे
सब त्रियों के वश मै हैं फिर राम चंद्र बचे कैसे
तुले राम बोल काम देव भई इस ते जंग बचे कैसे
मा ला फेरु तेरे नाम की मेरा करियो बेडा पार
ये दुनिया झूम रही तेरी काली
खोली मै
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