भाई रे करने को बलिदान
सभा मै लड़का बैठाया
राजा रानी नै हाथ मै तो
आरा लिया उठाय......
धीर धवज के शीश पै
भाई दीन्हा तुरंत चलाय....
काट रहे सोहरण सी काया
भाई रे .................................
छूटे फुवारे खून के तो भाई
भट भट गिरता मांस........
लड़के को लत देख के तो
हिले जमीं आकाश........
रोष सब परजा मै छाया
भाई रे ............................
आरे स फिर चीर कै
दई दो फांक बनाय.....
एक शेर अगाडी डाल दी
एक दी महलो पहुचाय....
नीर नहीं नैनो मै आया
भाई रे ...........................
चार थाल भोजन राजन
अभी लेयो मँगवाय....
धीर धवज का नाम ले
कै दो आवाज लगाय....
वचन संतो नै फ़रमाया
भाई रे ...........................
धीर धवज का नाम ले
तो दई आवाज लगाय.....
सुनते ही आवाज को
तो आया राज कुमार.....
नृप नै छाती सै लाया
भाई रे
.....................
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