तप भगती और योग के बल हो,पढ़ कै दे दिए
जौ बेटी
तू मांगे थी एक लाल तेरे, छोरे होंगे
दो बेटी
भादो मास लगते साथ ही सारे काम सफल हो
ज्यां
नर चाकर विद्वान घणे और दोनों बाहुबल
हो ज्यां
रंग रूप एकसार गात हो दोनों एक अकल हो
ज्यां
इस धरती के तपके पै ना छतरी इसी नसल
हो ज्यां
अर्जन सर्जन दो भाई ऐसे होये कदी ना
हों बेटी
तू मांगे थी एक लाल तेरे………..
दुखी भतेरी हो ली सै इब बारह बाट रहै
कोन्या
तू दुनियाँ की औटा करती सर पै डाट रहै
कोन्या
कुनबा तेरे कामी हो ज्या पाटम पाट रहै
कोन्या
दो दो छोरा की माँ बन जा किसे तै घाट
रहै कोन्या
दूर दिलद दर हो जायेंगे तन्नै आन पुकारें
रो बेटी
तू मांगे थी एक लाल तेरे…………
धूप दीप चंदन कर घर मै, घी का दीपक जला
दिये
शील सबर संतोष शांति, मत ना दिल तै भगा
दिये
तेरी कोख तै बेटे होंगे मन की चिन्ता
हटा दिए
सत की बेल हरी हो सै सच्ची आशा जगा दिये
तेरे गर्भ से जोड़ा जन्मे ईब तू सुख सै
सो बेटी
तू मांगे थी एक लाल तेरे……………
पनमेसर नै योग के बश हो तेरा वचन मंजूर
करा
कर्म कांड विधि, आसन लाके, विद्या मै
भरपूर करा
सैज सैज समझाया नाथ नै कदे ना दिल तै
दूर करा
मै छाती कै लाया गुरु नै सारा माफ़ कसूर
करा
सिरिया भगत के चरणों मै दिके टेक चन्द
की लो बेटी
तू मांगे थी एक लाल तेरे……………..
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