हाथ जोड़ कै कृष्ण जी सै, जब, न्यू बोला समझाए रै मै आज युद्ध मै, बालक ने दियो हराय

 

हाथ जोड़ कै कृष्ण जी सै,

जब, न्यू बोला समझाए रै

मै आज युद्ध मै, बालक ने दियो हराय

 

पंद्रह सोलह साल उम्र का,

एक बालक मुझसे अकड़ा

रतनपुरी की गया सीम मै, जब मेरा घोडा पकड़ा

हो... भारी भुजा देह का तकड़ा,

ना मरने सै घबराये रै.... 

मै आज युद्ध मै, बालक ने दियो हराय

 

कहे सुने सै ना घोडा छोड़ा, देई मैंने रोक लड़ाई

सारी सेना मेरी मारी, मुझको भी मूर्छा आयी

हो... बड़ी मुश्किल सै जान बचायी

मै तो भागा पीठ दिखाय रै....

मै आज युद्ध मै, बालक ने दियो हराय

 

या तो मेरे संग मै चलके, मेरे बदले नै तरवादे

जो वो मुझसे ज्यादा प्यारा, मेरे गाल पै छुरी चला दे

हो..... रामपाल कह फूल खिलादे,

मेरा बाग़ गया मुरझाय रै....

मै आज युद्ध मै, बालक ने दियो हराय

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