पानी खोल बता दो क्यूँ आँखों मै पानी

 

पानी खोल बता दो क्यूँ आँखों मै पानी

इस ताराचन्द की मत ना पूछो दुःख की भरी कहानी

पानी खोल बता दो

 

थारे जैसा दुनिया मै कोई देखा नहीं उदास मन्नै

इस दुनिया मै मुश्क़िल होरे पूरे करने साँस मन्ने

हद से ज्यादा दुखियारे न्यू आवे है विशवास मन्नै

थारी शरण मैं आया गुरु चाहे फेल करो या पास मन्नै

1 बात पूछनी खास मन्नै जो होगी सही बतानी

पानी खोल बता दो

 

तेरे कितने बालक घर मै है ना भेद बात का पाया मै

एकलौता था लाल गुरु जिसे गिरमी धर कै आया मैं

घबराने की बात नहीं अब कर दू मन का चाहया मैं

आज कौड़ी नहीं पास मै कदे मै खेलू था धन माया मै

अब मौज करो छत्तर छाया मै ये साधू की वाणी

पानी खोल बता दो

 

बेटा गिरवी धरा कहा तन्नै मोटा चाला कर राख्या

तेरह हो गये साल लाल मैंने हापुड़ गिरवी धर राख्या

उस होणी नै थारे साथ मै कर ये सांग जबर राख्या

झूठ नहीं है बात नाथ दुःख सारे ढब का भर राख्या

वक्त नै बे पर कर राख्या थारी सारी बात पछाणि

पानी खोल बता दो

 

थोड़े दिन के बाद सेठ तेरे पहले जैसे हुकम पिलै

ताराचंद गया टूट गुरु ना इससे ज्यादा कष्ट झिलै

उनका साथी राम बने जो सथ के पथ से नहीं हिले

लड्डन सिंह राजबल हटके फेर चमन मै फूल खिले

कल इस धुनें से माल मिले खुश हो जा थारी सेठाणी

पानी खोल बता दो

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