ना तुमसे लेउँ घिरायी, मैं कितने
दिन खाऊंगा
एक साधु की सेवा का, फल जिंदगी
भर पाउँगा
दर्शन का पुण्य कमाया, और भाग्य
उदय हुआ मेरा
कोई पिछले जनम का फल है, जो दर्शन
हो गया तेरा
मै तेरा दर्शन करने, अब बार बार
आऊंगा
एक साधु की सेवा का…………..
मैंने कर ली नेक कमाई, अब इसको
न होने का
मई पाद के पेड़ अमरफल, विष बेल
नहीं बौने का
इस गंगा मै नहाके, क्या कीचड
में नहाऊंगा
एक साधु की सेवा का…………..
बाबा एक साल की क़्या है, सो साल
भी पड़े चरानी
तेरा दर्शन होना चाहिए, तो ना
समझू कुछ हानि
धन माया आनी जानी, पर तुम्हें
कहाँ पाउँगा
एक साधु की सेवा का…………….
गर कुछ देना चाहते हो, तो अपनी
भगती देना
भगती पथ पर चलने की, बाबा शक्ति
मुझे देना
मोहन जन्मों जन्मों तक, बाबा
तुझको धाउँगा
एक साधु की सेवा
का……………………..
Bahut Sundar ji
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