युग युग सै होते आये भगवान भगत के वश मै

 युग युग सै होते आये

भगवान भगत के वश मै

पहले सै होते आये

भगवान भगत के वश मै

 

भगतो ने डाला फंदा

हरी आप बने नाइ नंदा

वो तो प्रेम सै चरण दबाये

भगवान भगत के वश मै

 

साधु बन रावण आया

केश पकड़ के वो कंश पछाड़ा

वो तो राज विभीषण पाए

भगवान भगत के वश मै

 

गज और ग्राह लाडे थे जल मै

गज सै ज्यादा ग्राह था बल मै

वो तो गज के प्राण बचाये

भगवान भगत के वश मै

 

द्रोपद दुष्टो नै घेरी

राखी लाज, करी ना देरी

वो तो सभा मै चीर बढ़ाये

भगवान भगत के वश मै

 

ध्रुव भगत पै कृपा किन्ही

भगीरथ को गंगा दीन्हि

वो तो स्वर्ग सभी पहुचाये

भगवान भगत के वश मै

 

खम्ब चीर पहलाद उबारा

हिरणाकुश आन संहारा

वो तो नरसिंघ रूप धराये

भगवान भगत के वश मै

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