बिगड़ी में ना नाती गोती भाभी भाई कौन बे वारिस के बेटे की करे ब्याह सगाई कौन

बिगड़ी मैं ना नाती गोती भाभी भाई कौन 

बे वारिस के बेटे की करे ब्याह सगाई कौन 


बेटी आला, पढ़ा-लिखा विद्वान देखे सै 

सुथरी शान, शक्ल का ठीक, मिजान देखे सै 

बेटी वाला, घर बर जर सब, सामान देखे सै 

कुटुंब कबीला, बिन टूक का, खानदान देखे सै 

हो... गोत नात और, जात की देगा, अड़े गवाही कौन 

बे वारिस के बेटे की करें......


बैर भाव सब मिटा करें इस ब्याह शादी के मौके पै 

भरे खजाने लूटा करें इस ब्याह शादी के मौके पै 

मेवा और मिष्ठान बटा करें इस ब्याह शादी के मौके पै 

सर जोड़ काम में जुटा करें इस ब्याह शादी के मौके पै 

हो...  जिन्हें गुड़ शक्कर भी, नहीं मिलै, दे बांट मिठाई कौन 

बे वारिस के बेटे की करें 


हस्तिनापुर में, बड़ा छोटा कोई याना श्याना  कोन्या 

पति मेरे लुट, गए जुए मैं, छल पहचाना कोन्या 

दर-दर के हम, बने भिखारी, कितै ठिकाना  कोन्या 

भूखे मरते, फिरे रात दिन, मिलता खाना कोन्या 

हो... इस टूटे से, बालक नै ले, बना जमाई कौन 

बे वारिस के बेटे......


मुँह आई बात, कही जा से कुछ, राजी ना निंदा करके 

म्हारे कौन सहारा, ला दिया तन्नै, कह रही शर्मिंदा करके 

13 साल सै, रांड बराबर, घिरी बैठी फंदा करके 

फट्टे कपड़े, वक्त पै खाना, तो मिल जा धंदा करके 

हो... लख्मीचंद बिन इस दुनिया मैं, करै सहाई कौन 

बे वारिस के बेटे की........

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