आती तन्नै देख लई माँ गउओं की लार
आरता उतारना तो हिजड़े का तार -2
मेरा नहीं काम छुटाके यू लाया गईया
करी मेरी हाथो सै छैया
ऐसी ना कर सकता भैया-२
अरि तू हाथ जोड़ कै मैया चरण ले
दासी के चुचकार...
आरता उतारना तो ..........
छोड़ दे री माता मेरी करनी बड़ाई
समझ मै बात ना आई
लुटाने क्यू धन को लायी-२
अरि मैंने देखी नहीं लड़ाई
जन कहा बजी तलवार...
आरता उतारना तो ..........
तेरी अकल पे पत्थऱ पड़ गये
डूबी बिन पानी पड़ गई मुझको समझानी
मात तू कैसी छत्राणी
एक इस पै है लक्षम ध्यानी यू
सरदारों का सरदार...
आरता उतारना तो ..........
गौरी शंकर कैलाशी की रौशनी जगती
अरि माँ ज्योत सी जगती मुझे यू अच्छी ना लगती
न्यू बोला पीरू करले भगती बेडा
भवसागर सै पार...
आरता उतरना तो
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