मत ना नंगी करो सभा मैं जेठ उलहाने हो ज्यांगे चण्डाल चौकड़ी के सामी सब लोग बिराणे हो ज्यांगे

मत ना नंगी करो सभा मैं जेठ उलहाने हो ज्यांगे

चण्डाल चौकड़ी के सामी सब लोग बिराणे हो ज्यांगे


अबला के संग कोण सभा मै होती तंगी देखेगा

बाबा भीषम पोत बहु नै कैसे नंगी देखेगा

द्रोणाचारी बंधती कैसे धर्म कलंगी देखे गा

थारा करदे सत्यानाश पति अर्जुन अर्धांगी देखेगा

बसा शहर उजड़ कर दे दिके काग ठिकाणे हो ज्यांगे

चण्डाल चौकड़ी के सामी सब


सारी सभा चुप बैठी ऐसा इंसाफ नहीं देखा 

आज ते पहले बेटी नंगी कदे करता बाप नहीं देखा

प्यारा देवर भीम सेन मैंने कदी चुप चाप नहीं देखा

नकुल और सहदेव जिन्होंने अपने आप नहीं देखा

घड़ा पाप का खाली सै यहा पाप चुकाने हो जायेंगे

चण्डाल चौकड़ी के सामी सब


महारथी से करण देख रहे क्या बोलन की बंदी सै

अंधे का अंधा एक सही क्या सारी सभा अंधी सै

बिना भाव के बिकण लगी मेरी इजाजत इतनी मंदी सै

आखिर मै यू कहना पड़ रहया सबकी आदत गंदी सै

एक एक करके मेरी गैला न्यू धिमताने हो ज्यांगे

चण्डाल चौकड़ी के सामी सब


मन्ने रंडी और बदमाश बतावें बाकी सभी खरे बैठे

निति और गुणवान बहुत पर नींची नाड करे बैठे

सुनते नहीं पुकार आज सब कानों हाथ धरे बैठे

लयी दिरयोधन तन्नै रांड समझ मेरे पांचो पति मरे बैठे

पीरू गोरी की कृपा सै लय सुर मै गाणे हो ज्यांगे

चण्डाल चौकड़ी के सामी सब

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