मेहँदी मै रचे हाथ गात मै हळद लगी बंध रहया कंगना
बड़ी ख़ुशी तै पवन भूप के रथ मै बैठ गयी अंजना
सज धज कै हुई त्यार सहेली मंगल गावन लागी
बबूल का घर छोड़ आज सासु घर जावन लागी
नेगण जोगण गाकै रथ मै पानी प्यावण लागी
सुनकै मंगल चार पड़ोसन ज्यादा आवण लागी
छावन लागी ख़ुशी गात मै, जोड़ी के मिलगे सजना
बड़ी ख़ुशी तै पवन भूप के...........
गोरा गोरा रंग नार का सुरखी चढ़ी गात मै
घूँघट मै मुखड़ा दिखै जन चंदा खिला रात मै
रूप के सामी, ना दिखै के, जागी जणू दात मै
धक्का सा लगै देखनिया घणा आरा रंग बात मै
पिया जी के चली साथ मै ब्याही वर का रंग ना
बड़ी ख़ुशी तै पवन भूप के..............
माथे ऊपर सजा बोरला भरकै चली उमंग मै
जणू दक्ष की पार्वती जा रीह भोले के संग मै
कर सोलह सिंगार, घणी मह कार उठै थी अंग मै
मद मै थी भरपूर हूर जन बाढ़ बहै सै गंग मै
डोर बंधी जिस ढाल पतंग मै छोड़ चली बाबुल अंगना
बड़ी ख़ुशी तै पवन भूप के...........
माँ बापा नै घने चाव सै खुस हो लाड लड़ाया
करते करते बात पवन फिर रथ के धोरे आया
रतनपुरी के दरवाजे पै जाके रथ रुकवाया
अंजना के ठहरन की खातर दूजा महल बताया
गाया करते बिरज पाल सिंह ऋषि पाल सा ढंग ना
बड़ी ख़ुशी तै पवन भूप के.................
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