समय सख्त टल गया ग्रह का और कुशल सभी परिवार तेरा
राजी होकै मंगल गाले रोना है बेकार तेरा
पत्र पांडवों का लेकै एक विप्र देवता आया है
वैरा का जो मत्स्य देश है उसका पता बताया है
अभिमन्यु का लगन मत्स्य राजा ने ही भिजवाया है
भात बारात साथ मैं लेकै पांडो नै बुलवाया है
जी नै खोल सुभद्रा कह दे, जो कुछ और विचार तेरा
राजी होकै मंगल .......
सूर्यवंशी खानदान में राजा कमलनयन भारी
12 साल की उसकी बेटी नाम लिखा उतरा कुमारी
ज्ञानवान गुण चतुर शीलता पढ़ी-लिखी नीति सारी
भागवान मिले प्रारब्ध से दुनिया में रिश्तेदारी
इस रिश्ते के होने से सुख पावे राजकुमार तेरा
राजी होकै मंगल......
जगह दूर और समय है थोड़ा कुछ चलने का भी ख्याल करो
सखी सहेली बुलावा कै बेटे का तेल और बाण करो
पहले कर स्नान फेर तुम मनचाहा पुण्य दान करो
जो सामग्री हो शादी की जल्दी सब सामान धरो
दान धर्म से ईश्वर कर दे बेड़ा परली पार तेरा
राजी होकर मंगल
रुक्मण रानी तेरी बहू पै सब सिंगार चढ़ावेगी
मौसी बुआ चलेगी संग में सब को लाड लडावे गी
नीति ज्ञान बात सत्संग की द्रोपती बहन पढ़ावेगी
गुरु मान सिंह की शिक्षा से ज्ञान की ज्योत बढावेगी
श्री रघुनाथ रोज गावेगा सत्संग में प्रचार तेरा
राजी होकै मंगल ........
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