पल्ले ही में ले लूंगी, थाली ना परात मैं
देख लूंगी कृष्ण भाई देयगा के भात मैं
न्यू तै मेरे कृष्ण भैया बड़ा भारी वीर है
हस्तिनापुर में, हो गया मेरी, इज्जत का आखिर रै
सर का उतरा चीर रै, उन कैरों की पंचायत मैं
देख लूंगी कृष्ण भैया देयगा के भात मैं
4 दिन की बात मन्ने बिहया का उमहाया भरा
समधी सै वैराट भूप उसके मन का चाहया करा
भात तेरा, आया करा, कीचक आली लात मैं
देख लूंगी कृष्ण भैया देयगा के भात मैं
बात बिगड़े पाछे भाई नहीं शर्म दार रहे
ऐसा भात भर दो जो सब दुनिया को पहचान रहे
तेरी बहन तो नायन रहे और कंघी डोरा हाथ मै
देख लूंगी कृष्ण भैया देयगा के भात मैं
न्यू ते मेरे कृष्ण भाई जी ते प्यारी जान तेरी
गावेगा रघुनाथ कथ कै महिमा है महान तेरी
आज देखकर शान तेरी, उठै क्रोध गात मैं
देख लूंगी कृष्ण भैया देयगा के भात मैं।
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