इस तै सुथरे और भतेरे, कित छोरा के तोड़े मैंअच्छी को ना लागी अंजना पवन भूप के जोड़े मैं

इस तै सुथरे और भतेरे, कित छोरा के तोड़े मैं
अच्छी को ना लागी अंजना पवन भूप के जोड़े मैं

अपने हाथा क्यूँ मरती तू मत कर अंजना चाला रे
पवन भूप में 60 कमी है तू कर दे ब्याह का टाला रे
वो सै रात अंधेरी के सा तू लेरी चांद उजाला रे
तू सै सफेद हंसिनी जैसी वो बिल्कुल कागा काला सै
तू संगमरमर की टुकड़ी सै वो पासिंग फूटे रोडे मै
अच्छी कोन्या लागी अंजना........

हम सोचे थी खुद शानी से तू कती हद करगी
इतना भुंडा वर टोहया तू अंजना कती ढसरगी
दुख मैं साझा करण लागरी या ता म्हारे जरगी
सांच बता दे अंजना बेबे तू कया के ऊपर मर गी
वो कोढ़ी दुखिया माखी भिन्नकै, दाद खाज और फोड़े मै
इस्तै सुथरे और भतेरे........

पढ़ी-लिखी घणी शयानी सै तने मिल जाएगा कोई छैल इसा
सारी दुनिया तनै घुमा दे ले जागा कोई गैल इसा
सब चीजा की मौज रहै मिले राजा का रंग महल इसा
दासी बांदी नखरे औटै बेशक कर ले फैल इसा 
जितना चाहवै माल बरतीये के फायदा हाथ सकोड़े मैं 
इस्तै सुथरे और भतेरे.....

इस मेहर सिंह की गैला चालै तै बिजली पड़ जा जाटा मै
सर पर भरोटा गोंडे टूट जा कोस कोस की बांटा मै
करै लामनी छाले पड़ जा हाथ फूट जा टाटा मैं
जे हो जा वार जुवारा नै हाली खाल तार लें सांटा मैं
मेमसाहब रहें छीटम छीटा गोबर माटी चोड़े मैं
इस्तै सुथरे और भतेरे.....

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