समझ ना सकी देवर कहानी तेरी मैं कहानी तेरी मैं
टापु मैं छोड़ आया दोरानी तेरी मैं दोरानी तेरी मैं
ब्याह के क्यों दी छोड़ उलझ इस बात मै रही
चला मै निर्मोही छोड सोवती रात में रही
सुनके तेरी बात ना बाकी गात मै रही
ली किसी करम नै खोश डोर ना हाथ मै रही
कैसे उलटी आगयी बुद्धि श्याणी तेरी मैं श्याणी तेरी मैं
टापू मे .....
तड़फै गी दिन रात पता ना कहाँ कहा धक्के खावेगी
जिंदगी भर उस बैरण की याद मन्ने तड़फावेगी
तावल करके जाइये देवर तन्नै टापू मै मिल जावेगी
कई दिन हो गये भाभी अब वो टोहे सै ना पावेगी
आँखों मै ना चाहती देखना पानी तेरी मै पानी तेरी मै
टापू मे ........
ऐसी करता बात जैसे वो पावै ना जग सारे मैं
सो हूरों की हूर एक मत पूछै उसके बारे मै
ठाडी कर गया भूल तन्नै लाणी चाहिये थी लारे मै
न्यू ना लाया डरग्या री गिरमी मै धरा हुआ थारे मै
निभा लेती देवर लाभ हानि तेरी मै हानि तेरी मै
टापू मै .......
कच्ची कह के बात तनै दी नाड काट सरे आम मेरी
भाभी करदे माफ़ यो बुद्धि करती कोण्या काम मेरी
लड्डन सिंह माने तो मनसा पूरी करो तमाम मेरी
नैया करदे पार राजबल गुड़गामे का धाम मेरी
हाथ जोड़ पूजा करती मसाणी तेरी मै मसाणी तेरी मै
टापू मई ........
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