मुझसे ज्यादा पापी बैठे इस यज्ञ मै ब्रह्मज्ञानी
छोटा सा एक दोष मेरे मै आंख मेरी है काणी
बैठा इन्दर आज सभा मै बन सबका सरदार
गौतम के घर जारी करनै पहुंच गया बदकार
दाग छूटा ना इबि चाँद का जानै सब संसार
नारद नै रंडी के आगै पल्ला दिया पसार
वेदव्यास ना ना सै पैदा, माँ मंछोदर रानी
छोटा सा एक दोष मेरे मै ...........
कुंती और माद्री के, यहाँ बैठे पांचो लाल
पाण्डु तै ना एक भी पैदा मन मै कर लियो ख्याल
पार्वती के संग मै आग्या भष्मासुर का काल
ब्रज के मा सतायी गोपिका तू भी तै चांडाल
मेरी आंख फूटी हुई सै जो, तेरी एक निशानी
छोटा सा एक दोष मेरे मै ...........
विष्णु नै वृंदा की गैला जा कर कै करी जारी
विश्वामित्र को हूर मेनका लागै थी घणी प्यारी
पाराशर नै अपनी बेटी जा पकड़ी थी कुवारी
भारद्वाज ऋषि नै इज्जत जा भाभी की तारी
घाट कोनसा बैठा सै मनै बतला देओ कहानी
छोटा सा एक दोष मेरे मै ...........
राजा बल को छलन गया जब बणकै अत्याचारी
टैन्डकी अंदर बैठा था जब सींख आंख मै मारी
छत्रपाल कह आज सभा मै बैठे सब सत्यधारी
गुरु बाबा समझाण लगे तू सुन ले बात हमारी
बेशक आंख मेरी काणी पर आन जगत नै मानी
छोटा सा एक दोष मेरे मै ...........
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