मेरा कोनसा ढंग ससुराल जान का दमयंती भोली भाली

मेरा कोनसा ढंग ससुराल जान का दमयंती भोली भाली
भला कहे कोई बुरा कहे कोई राम-राम दे गाली

वह भी दिन सै याद मैंने गया कुंदनपुर में सज कै
तेरे पिता नै रचा स्वयंवर तू तो ब्याही बाजे बज कै
सुख की तरफ लखाना चहियै ऐस अमीरी तज कै
बुगले की आई बटेर मरी खुद गलती आप समझ कै
आज राज नहीं सिर ताज नहीं मेरी समय बीतकै चाली
भला कहे कोई बुरा कहे कोई राम-राम दे गाली

न्यू नै बढूं तै झेरा दिखै न्यू नै बढूं तै कुवा
मेरी सास नै कहें जमाई, मिला भाग का मुआ
इन बागा में आनंद करेगा कोई भागा वाला सुआ 
नगरी वाले ताने देंगे नल क्यों खेला था जुआ
चोगरदे तै बोली मारे छोटी-बड़ी साली 
भला कहे कोई बुरा कहे कोई राम-राम दे गाली

कहे सुने सै माने कोण्या सखी साथ की जो सै
वो चाहेंगी हंसी ठट्टा मेरा ना काहे मै मोह सै
कभी अहकि वहकी बात निकल जा भरा गात में छो सै
बहन के भाई ससुराल जमाई घना डटना ना अच्छा हो सै
उत कहें कुछ काम करे ना क्यों खाट तोड़ता खाली 
भला कहे कोई बुरा कहे कोई राम-राम दे गाली

मैं जति मर्द तू सती बीर या रखनी लाज तन्नै सै 
इंद्रसेन ओर इन्द्रावती ये रखने साथ तन्नै सै 
नो महीने तक रखै गर्भ मैं करी कुभात तन्नै सै
श्री लख्मीचंद गुरु की सेवा करी दिन और रात तने से
घणा रंज मनै न्यू दमयंती, तू तो जीत देवता ब्याहली 
भला कहे कोई बुरा कहे कोई राम-राम दे गाली

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