उतर पेड़ तै
तले एक बेर, मेरे दिल के डट्टन वाले ,
क्यों खोवे स टेम चली जा हम लकड़ी काटन वाले.....
1. तेरे मिलण की बाट बाट मै, घणी हाण होलई मन्ने
कुछ जाल गेडना, चाहवे स न्यू, आण काण होलई मन्ने
ब्याह करवाले, तेरी मर्ज की, आन काण होलई मन्ने
शादी बिना मलंग हांडण की, हूर बाण होलई मन्ने
कुकर होगा भला बता र, इस मोक़े पर नाटणं वाले
कितने देखु रोज तेरे जिसे मतलब के काढण वाले......
2. कोण कड़े की रहणे वाली, कोण नगर घर गाम तेरा
मगध देश मै रह्या करू दिखे सावित्री सै नाम मेरा
इस बिया बाण म हांडण का, बता सावित्री के काम तेरा
जोड़ी का भरतार मिल्या ना छुटग्या ऐस आराम मेरा
त्रिया विष की, बेल जहर ने, मरया करे चाटन वाले
हम आशिक काले, नाग जहर त, कद न्यारे पाटण वाले.....
3. बीर मर्द का शरीर एक दिन कटजा महरम लोटे मै
राज पैट का सुख छोड्या, के फायदा दुखड़ा ओटे मै
तेरी गैल लाकड़ी ढोल्युंगी दूँ साथ नफे और टोटे मै
तेरी पतली कमर चणक आज्यागी, स ज्यादा वजन भैरोटे मै
दुःख की परवा नहीं बीर ने, बालम रंग छाटण वाले
हम अपने आप गरीब बता, किस किसके दुःख बाटण वाले.......
4. ब्याह करवाके जनम कैद हो जी नै खाड़े होया करे
ब्याह करवाए बिना गाबरू उत् लुंगाड़े होया करे
घर बास्या म कुटुंब फ़ैल ज्या घणे पवाड़े होया करे
जिस घर बालक बीर नहीं वो भाग के माडे होया करे
गुरु चंदरलाल भगवान भगत के, सदा मान राखण वाले .........
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