नींद मंनै ना आई मै तो पड़ी पड़ी जागू थी पाछा फ़ेर कै सो गया के तेरी बेबे लागू थी

 तर्ज : भगत सुदामा हम बचपन के दोनों गुरु भाई

          घने दिना मे देखा सै तू बैरी अन्यायी


नींद मंनै ना आई मै तो पड़ी पड़ी जागू थी

पाछा फ़ेर कै सो गया के तेरी बेबे लागू थी


तेरे मै गुंजास नहीं तै क्यूँ मन्नै ब्याह कै लाया

रोली पपोली फेर तू सो गया क्यूँ मेरा इश्क़ जगाया -2

मेरी खाट पै क्यूँ आया के उठकै भागू थी 

पाछा फ़ेर कै सो गया के तेरी बेबे लागू थी


भरी जवानी क्यूँ तरह डाट्टु झाल बदन की डटती ना

पहाड़ बराबर रात अकेली कैसे काटू कटती ना -2

आग लागरी मिटती ना किसि गोली दागू थी

पाछा फ़ेर कै सो गया के तेरी बेबे लागू थी


बीर के धोरै मरद लोट कै कुछ भी करने जोगा ना

जुनशा दुःख मन्नै हो गया बैरी और किसे नै होगा ना-२

डंडे आला दरोगा ना, न्यू मै तन्नै त्यागु थी

पाछा फ़ेर कै सो गया के तेरी बेबे लागू थी


कमल सिंह नै जाकै कहदू ऐसी जोट मिलायी क्यूँ

मुँह फेर कै सोवनिये कै ओ बैरी मै ब्याही क्यूँ -2

कुवे बीच धखायी क्यूँ के खान नै माँगू थी

पाछा फ़ेर कै सो गया के तेरी बेबे लागू थी

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