प्रभु
दीनानाथ दयाल सुने मैंने भक्तन हितकारी
भक्तन हितकारी सुने मैंने संतन हितकारी भरी
हिरणकशिप ने बांध भक्त को चाबुक जब मारी
खंभ फोङकर प्रकट भये हरि, नख से कमर फाङी
प्रभु दीनानाथ दयाल
गज को पकङ ले चला ग्राह जब, जल में बलकारी
मारा चक्र ग्राह का सिर काटा, गज की बिपत टारी
प्रभु दीनानाथ दयाल
बीच सभा के नगन करी जब, पांडव की नारी
दुशासन की भुजा चीर को, खैंच खैंच हारी
प्रभु दीनानाथ दयाल
ध्रुव ने तेरा नाम लिया दीना, अचल धाम भारी
ब्रह्मानन्द देर नहीं कीजे, अब मेरी बारी
भक्तन हितकारी सुने मैंने संतन हितकारी भरी
हिरणकशिप ने बांध भक्त को चाबुक जब मारी
खंभ फोङकर प्रकट भये हरि, नख से कमर फाङी
प्रभु दीनानाथ दयाल
गज को पकङ ले चला ग्राह जब, जल में बलकारी
मारा चक्र ग्राह का सिर काटा, गज की बिपत टारी
प्रभु दीनानाथ दयाल
बीच सभा के नगन करी जब, पांडव की नारी
दुशासन की भुजा चीर को, खैंच खैंच हारी
प्रभु दीनानाथ दयाल
ध्रुव ने तेरा नाम लिया दीना, अचल धाम भारी
ब्रह्मानन्द देर नहीं कीजे, अब मेरी बारी
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