चरण पकड़ कै बैठ गयी अब गलती माफ़ करो मेरी

चरण पकड़ कै बैठ गयी अब गलती माफ़ करो मेरी

इन्दर राजा की पड़ी कैद मै खंडेराव बहु तेरी

 

स्वर्गः का रस्ता कठिन बना मै थक ली आती जाती

बा राह सूरज लगे राह मै हवा चलै ताज़ी ताज़ी

ऐडही कै सिर लाना हो कित रह जा घूँघट गाती

जिनकी बहु सभा मै नाचै उन मरदा की हद छाती

जान काढ़ कै मुट्ठी के म्ह ना तू लेरा ना मै लेरी

चरण पकड़ कै बैठ गयी अब गलती माफ़ करो मेरी

 

पंद्रह सो योजन तय करकै रोज रात नै जाना

सब ढालया के साज बजै मन्नै नाच नाच कै गाना

चार बजे सी छुट्टी मिलती रोज सवेरे नाहना

फिर राजा की मिलै इजाजत हो घर नै फिर आना

जे इन्दर मन्नै बहु बना ले तै हो जा डुब्बा ढ़ेरी

चरण पकड़ कै बैठ गयी अब गलती माफ़ करो मेरी

 

न्यू सोचै मेरा ब्याह हो गया ब्याह करना बाकी रह गया

सिर कै ऊपर मोढ़ तेरे तै धरना बाकी रह गया

कुछ तै पेटा भरा तन्नै कुछ भरना बाकी रह गया

ये दिन आ लिए मरते मरते मरना बाकी रह गया

मेरे मात पिता नै जुलम करा मै मीठे के लालच जर गेरी

चरण पकड़ कै बैठ गयी अब गलती माफ़ करो मेरी

 

लख्मीचंद कै सा दुनिया मै कोय गावणिया ना था

बीस साल तक सांग करया वो मुँह बावनिया ना था

सत्य समागम करा करै था शरमा वनिया ना था

साँची बात बखत पै कह दे वो घबरावनिया ना था

मांगेराम मेरी जान बचा दे सै मुट्ठी मै तेरी

चरण पकड़ कै बैठ गयी अब गलती माफ़ करो मेरी

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