सेल करण को आयो बालक बन आयो

 सेल करण को आयो बालक बन आयो
बालक बन आयो महाराज लटाधारी बन आयो
 
काली खोली में उपकार लियो है
हो....  ऊपर बढ़ लहरायो
बालक बन आयो
 
भूरी लटूरी या के सिर पै सोहै
हो.... हाथ लखोटिया लायो
बालक बन आयो
 
इंद्रासन से उतर के लियो खोली में उपकार
भगत वचन पूरा करो तेरी हो रही जय जयकार
 
नंदू साद को दर्शन दिए
हो.... 52 रूप बनायो
बालक बन आयो
 
नया जोहड़ गूलर की छाया
हो.... अद्भुत रास रचायो
बालक बन आयो
 
अंधे को आंख कोढीन को काया
हो.... बांझन पुत्र खिलायो
बालक बन आयो
 
जल से पैदा जोत है जाने रचे जमी आकाश
भेद उन्हें भी ना दिया जो नर बैठे हैं पास
 
सुमर सुमर जन तेरे ही गांवे
हो.... राग कलावत गायो
बालक बन आयो

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