नैय्या आन पड़ी मझधार पार याहै कौन लगावेगा

 नैय्या आन पड़ी मझधार
पार याहै कौन लगावेगा
 
तेरे बिन ना है कोई खिवैया
ना कोई बल्ली का लगवैया
है रे मेरी डगमग डोले नैया
खेवा पार लगावेगा नैय्या आन पड़ी....
 
दिखे रे तू तो है सब जग का वाली
करता है सब की रखवाली
अरे जैसे हरे बाग का माली
पौधा सीच लगावेगा नैया आन पड़ी....
 
दिखे रे तू तो हर त हेत लगा ले
हरदम गुण ईश्वर के गाले
मोहनराम मनाले
बेड़ा पार लगावेगा नैया आन पड़ी....
 
दिखे रे यूं कहें मुसद्दीलाल
करे पहले भक्तों का ख्याल
नई नई चल रही चाल भजन में
गाय सुनावेगा नैया आन पड़ी....

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