बाबा
ने मुझे बुलाया
मैं तो गांव मिलकपुर जाऊं, बाबा ने मुझे बुलाया
बाबा जी के मंदिर जाकर मैं भी जोत जगाऊंगा
धूने की परकम्मा ले के मन में खुशी मनाऊंगा
बाबा के धूने की भस्मी माथे तिलक लगाऊंगा
हैरे माथे तिलक लगाया और दोज का मेला आया
बाबा के दर्शन पाऊं बाबा ने मुझे बुलाया
बाबा जी की महिमा न्यारी कहते हैं सब नर और नारी
खोली में समाधि जिनकी खिली हुई है फुलवाड़ी
बाबा जी के दर्शन करने दूर दूर से आए जाती
तने अद्भुत खेल रचाया माया का पार न पाया
खोली वाले के दर्शन पाऊं बाबा ने मुझे बुलाया
भरू जलहरी चुगा गेरू बाबा के दरबार में
बाबा जी की सूरत मोहनी आग लगो संसार में
धन माया की कमी ना रहती बाबा के दरबार में
जहां होता है मनचाहा -2
मैं तो उसकी महिमा गांऊ बाबा ने मुझे बुलाया
दुखियारो के दुख हर लेता बाबा खोली वाला रे
मोर पपैया बोले जा के देख ढंग निराला रे
भजन कीर्तन होते देखे गावे गाने वाला रे
प्रकाश ने छंद बनाया भई मैं भी सुर में गाऊं
बाबा ने मुझे बुलाया
मैं तो गांव मिलकपुर जाऊं, बाबा ने मुझे बुलाया
बाबा जी के मंदिर जाकर मैं भी जोत जगाऊंगा
धूने की परकम्मा ले के मन में खुशी मनाऊंगा
बाबा के धूने की भस्मी माथे तिलक लगाऊंगा
हैरे माथे तिलक लगाया और दोज का मेला आया
बाबा के दर्शन पाऊं बाबा ने मुझे बुलाया
बाबा जी की महिमा न्यारी कहते हैं सब नर और नारी
खोली में समाधि जिनकी खिली हुई है फुलवाड़ी
बाबा जी के दर्शन करने दूर दूर से आए जाती
तने अद्भुत खेल रचाया माया का पार न पाया
खोली वाले के दर्शन पाऊं बाबा ने मुझे बुलाया
भरू जलहरी चुगा गेरू बाबा के दरबार में
बाबा जी की सूरत मोहनी आग लगो संसार में
धन माया की कमी ना रहती बाबा के दरबार में
जहां होता है मनचाहा -2
मैं तो उसकी महिमा गांऊ बाबा ने मुझे बुलाया
दुखियारो के दुख हर लेता बाबा खोली वाला रे
मोर पपैया बोले जा के देख ढंग निराला रे
भजन कीर्तन होते देखे गावे गाने वाला रे
प्रकाश ने छंद बनाया भई मैं भी सुर में गाऊं
बाबा ने मुझे बुलाया
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