मेरी गैल्या ब्याह करवाना धक्का पेल नहीं सै
१६
शर्त पुगानी होंगी हांसी खेल नहीं सै
तू
कमरे के म्ह आवेगा तै तेरी कुर्सी मेज बिछाऊँ ना
सहज
सहज पाह टेकूँगी कदे भाज कै तेज दिखाऊ ना
तेरे
आराम करण की खातर तेरी सेज बिछाऊँ ना
तोशक
तकिये दरे गलीचे तेरा करकै हेज बिछाऊँ ना
जिन
तिला मै तै चाहवै काढ़ना उन्मैं तेल नहीं सै
१६
शर्त पुगानी होंगी हांसी खेल नहीं सै
जब
चौके पै आवेगा तेरै लेकै पंखा झोलू ना
मोहर
अशर्फी कनि मणि हो पर तेरी जेब टटोलू ना
दारु
पी कै आवेगा तेरे पाह दाबू सर रोलू ना
आठो
पहर सिंगर कै नै कदे जोबन जान झकोळू ना
तेरी
गाडी टूटे बाक लिकड़ जा वा सख्त चकेल नहीं सै
१६
शर्त पुगानी होंगी हांसी खेल नहीं सै
मेरे
जैसा इस दुनिया मै पेट साफ़ का कोन्या
न्याय
निति नै जाणु सु मेरै लेश पाप का कोन्या
गंधर्वसेन
करे रखवाली भय तीन ताप का कोन्या
जोंशा
पहलै बोलैगा वो असल बाप का कोन्या
मै
फिरूं सांडनी जंगल के म्ह मेरे घली नकेल नहीं सै
१६
शर्त पुगानी होंगी हांसी खेल नहीं सै
मै
दिन मै तेरे घर आउंगी काली रात करूँ कोन्या
हजार
किसम के लोभ दिए तेरे हाजिर गात करूँ कोन्या
बीर
मरद की हुया करे मै वैसी कुभात करूँ कोन्या
लख्मीचंद
पैज की पूरी हरगिज बात करूँ कोन्या
मांगेराम
बोल तै ज्यादा पैना सैल नहीं सै
१६ शर्त पुगानी होंगी हांसी खेल नहीं सै
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