खोली वाला रे, सुध क्यों ना लयी

 खोली वाला रे, सुध क्यों ना लयी -2
क्यों ना लयी सुध क्यों ना लयी
खोली वाला रे....
 
गज और ग्राह लड़े जल भीतर -2
वो तो लड़त-लड़त गज हारा रे
सुध क्यों ना लयी
खोली वाला रे सुध क्यों ना लयी
 
जौ भर सूंड रही जल ऊपर -2
जब तेरा नाम पुकारा रे
सुध क्यों ना लयी
खोली वाला रे सुध क्यों ना लयी
 
गज की टेर द्वारका पहुंची -2
वो तो नंगे पैरों धाया रे
सुध क्यों ना लयी
खोली वाला रे सुध क्यों ना लयी
 
पकड़ सूंड गज बाहर लाए -2
वो तो जल से कर दिया न्यारा रे
सुध क्यों ना लयी
खोली वाला रे सुध क्यों ना लयी
 
भीलनी के बेर सुदामा के तंदुल -2
रुचि रुचि भोग लगाया रे
सुध क्यों ना लयी
खोली वाला रे सुध क्यों ना लयी

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