खोली वाले बाबा दिल से मनाऊं तुझे

 खोली वाले बाबा दिल से मनाऊं तुझे

अपने सारे दुखड़े मोहन सुनाऊं तुझे

 

मोहन मुरारी नीले घोड़े चढ़कर आजा

सोहनी सी सूरत तेरी झलक दिखा जा

सुन खोली के राजा आजा

बुलाऊं तुझे

अपने सारे दुखड़े मोहन सुनाऊं तुझे

 

राहों में बाबा तेरी पलके बिछाई

मोहन मुरारी मेरे आओ रघुराई

तुझसे प्रीत लगाई हमने बताऊं तुझे

अपने सारे दुखड़े मोहन सुनाऊं तुझे

 

अपने भगत से बाबा रूठ ना जाना

यारे-प्यारे सारा बुरा है जमाना

मिला ना ठिकाना हमको रिझाऊं तुझे

अपने सारे दुखड़े मोहन सुनाऊं तुझे

 

सारे जहां के बाबा बने तुम परहैरी

कह भीम सिंह आज उल्टी गंगा बहरी

पढ़ कर सो गए निंद्रा गहरी जगाऊं तुझे

अपने सारे दुखड़े मोहन सुनाऊं तुझे

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