के सुपने का जिकर करू सुपने मै हो गया चाला खंडेराव परी के संग मै रात बना तबले वाला

 के सुपने का जिकर करू सुपने मै हो गया चाला

खंडेराव परी के संग मै रात बना तबले वाला

 

बांध घुंगरू नाचन लागी छम छम छम छम करती जाय

मन्नै तबले के बोल बजाये धा धा धीं धीं धा धा धा

सा रे गा म प धा नि शा , शा नि धा प् म ग रे सा

सारी महफ़िल करै सराहना वाह भाई वाह भाई वाह भाई वाह

एक इनाम मै मिली अंगूठी और एक मै मोहन माला

खंडेराव परी के संग मै रात बना तबले वाला

 

ऐसी कसूती विपदा तै उस मरजानी नै दई मन्नै

या माला सै इन्दर जी की इंद्राणी नै दई मन्नै

या गुँठी सै ब्रह्मा जी की ब्राह्मणी नै दई मन्नै

या गीता सै किरशन जी की रुक्मणि नै दई मन्नै

पार्वती नै दई भभूति और शिव जी नै दी मृग छाला

खंडेराव परी के संग मै रात बना तबले वाला

 

मै क्षत्री का बेटा सूं और रण मै सस्त्र ताणु सूं

नृत्य कला और वैदक मंतर छत्तीस राग बखानू  सूं

रण के म्ह तलवार बजाऊ चढ़कै तुरग पिछाणु सूं

मालखाड़े मै कुश्ती जीतूं ऐसा करतब जानू सूं

चौदाह विद्या  पूरी करली पन्द्रवीं पै पड़ रह्या पाला

खंडेराव परी के संग मै रात बना तबले वाला

 

इन्दर जी का पोता सूं और गंधर्व सैन पिता मेरा

बड़ा भाई सै गोप भरतरी राज पाठ था सर सेहरा

मैना वंती बाहण धरम की सारी दुनिया नै बेरा

वीर विक्रमा जीत नाम उज्जैन नगर घर डेरा

मांगेराम गुरु लख्मीचंद सब का सै देख्या भाला

खंडेराव परी के संग मै रात बना तबले वाला

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