उग्रसैन नै देवकी खातर वर टोहवन की सोची

उग्रसैन नै देवकी खातर वर टोहवन की सोची 

कंश बैठा लिया अपनी जड़ मै घर टोहवन की सोची 


हिमा सुता स्नान करै थी गणेश रुखाला हो ग्या

शिवजी बड़ा महल के अंदर बीच बिचाला हो ग्या

रोक दिया महादेव जान तै डट कै पाला हो ग्या

शिवजी नै दिया शीश काट उड़ै न्यू मुँह काला हो गया हा। . २ 

फेर पारवती नै करि लड़ाई फेर सिर टोहवन की सोची

कंश बैठा लिया अपनी जड़ मै घर टोहवन की सोची 


भीमसैन नै अपनी लड़की नल राजा कै ब्याही 

56 दिन तक जुआ खेल्या सिर चढ़ गी करड़ाई

नल राजा फेर गए बना मै वा गैल भीम की जाई

धर्मशाला मै साड़ी काटी वा सूती भी ना ठाई हा। ... २ 

रचा दुबारा फेर  स्वयंवर नल टोहवन की सोची

कंश बैठा लिया अपनी जड़ मै घर टोहवन की सोची 


जनक भूप नै रचा स्वयम्बर सीता के ब्याह्वान नै 

देश देश के राजा जुड़ गे धनुष बाण ठावन नै

किस्से की भी दमा पड़ी ना हाथ तलक लावण नै

सभा बीच तै कदम बढ़ा, ठाणा चाहया रावण नै हा। . २ 

फेर बाल्मीक का लेख देख उड़ै हर टोहवन की सोची

कंश बैठा लिया अपनी जड़ मै घर टोहवन की सोची 



लोक लाज और हया शर्म का मरज बाप के जुम्मै 

सात पुस्त तक तारया जा ऐसा कर्ज बाप के जुम्मै

टोटा नफा और हान लाभ का फर्ज बाप के जुम्मै

कह लख्मीचंद बेटी का हो फरज बाप के जुम्मै हा। . २ 

मांगेराम नै फेर लोक लाज तै फेर जर टोहवन की सोची

कंश बैठा लिया अपनी जड़ मै घर टोहवन की सोची 

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