चन्द्रहास चाँद सा चेहरा, माँ देखै कोठे चढ़कै

चन्द्रहास चाँद सा चेहरा, माँ देखै कोठे चढ़कै

बेवारिस के बेटे नै ले गे जल्लाद पकड़ कै


कोई कान पकड़ रह्या था सुत के कोई मार बैत धमकारा

मेधावी मरने वाले तेरा चल दिया टूट सितारा

एक लाल था दुखिया का आज वो भी पकड़ा जा रह्या

रही सुलगती धूनी सी जणू लाग जला बंजारा रै  लाग जला बंजारा

बेटे ऊपर टोटा भूली , घर सै बाहर लिकड़ कै

बेवारिस के बेटे नै ले गे जल्लाद पकड़ कै


साहूकार के भाग बले निर्धन के लाल खपै सै

सारी दुनिया देख लयी मैंने बस कंगाल खपै सै

के जीना उस माता का जिसका न्यू लाल खपै सै

कुंतल पुर मै बिना खोट मेरा सुत बे काल खपै सै रै सुत बे काल खपै सै

बेटे बिन या महल हवेली पाड़ पाड़ खा तड़कै

बेवारिस के बेटे नै ले गे जल्लाद पकड़ कै


आइयो री लुगाइयों मेरे बालक नै छुडवाइयो

कोई रस्सी ढीली करवा दो मत सुत का गल कटवाइयो

रोटी पोइ थारे बालक पाले मेरे सुत के प्राण बचाइयो

पहाड़ तै भारी बोझ बहान तम रल मिल कै उठवाइयो रै तम रल मिल कै उठवाइयो

केले बरगी गोभ कवर, दिया मार कुल्हाड़ा जड़ कै

बेवारिस के बेटे नै ले गे जल्लाद पकड़ कै


कुन्तलपुर मै बेटे का दम बिना कसूर लिकड़ ग्या 

मुझ दुखिया के संग मै कोनसा यो दस्तूर लिकड़ग्या

एक आंख का तारा था मेरा जिसका नूर लिकड़ग्या

हुआ दिखना बंद कवर, अब कोसो दूर लिकड़ग्या रै अब कोसो दूर लिकड़ग्या

कह बलवंत धाय हुई घायल कोठे तै नीचे पड़ कै

बेवारिस के बेटे नै ले गे जल्लाद पकड़ कै

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