भजन
बाँस की बाँसुरिया पे बड़ो इतराबे।
कोई सोने की जो होती हीरे मोती जो होती
जाने क्या करता
1)-जेलों में जनम लेके बड़ो इतराबे
कोई महलों में जो होता, कोई कोठी में जो होता
जाने क्या करता।
2)-गैया का ग्वाला होके बड़ा इतराबे
कोई गुरुकुल में जो होता,कोई विद्यालय में होता
जाने क्या करता
3)-गूजरों की छोरियों पे बड़ा इतराबे
कोई बामन बनिया होती
जाने क्या करता
4)-साँवरी सुरतिया पे बड़ो इतराबे
कोई गोरो सो जो होतो
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