कैसा सुंदर मृग मनोहर चरने आया है

 

भजन

  

कैसा सुंदर मृग मनोहर चरने आया है

सुंदर मृग कमल से प्यारा

मोटे मोटे नैनन वाला

पकड़ो दीनानाथ मृग मेरे मन को भाया है

रे कैसा सुंदर ……………..

सिया की बात राम ने मानी

झटपट उठ गए अंतर्यामी

लिया हाथ में बाण मृग को मारने आए हैं

 कैसा सुंदर ……………..

खींचा तीर हिरण को मारा

हाय सिया हाय लखन पुकारा

सुने मृग के बोल सिया का मन घबराया है

कैसा सुंदर ……………..

उठो लखन तुम जल्दी जाओ अपने भाई के प्राण बचाओ

आज तुम्हारे भाई पर कोई संकट आया है

कैसा सुंदर ……………..

तुम तो री मैया भोली भाली सुबक सुबक के कितनी रोली

त्रिलोकी के नाथ है उनकी अद्भुत माया है

कैसा सुंदर मृग मनोहर चरने आया है

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