बता दो गिरिधर गोपाला मेरा उद्धार कैसे हो

 बता दो गिरिधर गोपाला मेरा उद्धार कैसे हो

बता दो नंद के लाला मेरा उद्धार कैसे हो

अंधेरा छा रहा जग में, के अब उजियार कैसे हो

 

सोना है चांदी है

ना हीरा है मोती है

तेरे मंदिर में गोपाला तेरा सिंगार कैसे हो

 

विद्या है वाणी है

वाणी में मधुरता है

तेरे मंदिर में गोपाला तेरा गुणगान कैसे हो

 

श्रद्धा है भक्ति है

ना मुझ में कोई शक्ति है

तेरे चरणों में नंदलाला मेरा सम्मान कैसे हो

 

केवट है नैया है

कोई पार लगाया है

पड़ी मझधार में नैया यह भव से पार कैसे हो

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