जब छोड़ चलु इस दुनिया को होठों पर नाम तुम्हारा हो

 

जब छोड़ चलु इस दुनिया को होठों पर नाम तुम्हारा हो

चाहे स्वर्ग मिले चाहे नर्क मिले ह्रदय में वास तुम्हारा हो

 

तन श्याम नाम की चादर हो जब गहरी नींद में सोया रहूं

कानों में मेरे गूंजता हो बस कान्हा नाम तुम्हारा हो

 

रस्ते में तुम्हारा मंदिर हो जब मंजिल को प्रस्थान करो

चौखट पर तेरी मनमोहन अंतिम परिणाम हमारा हो

 

उस वक्त कन्हैया जाना जब चिता पर जाकर शयन करूं

मेरे मुख में तुलसी दल देना बस इतना काम तुम्हारा हो

 

अगर सेवा की मैंने तेरी तो उसका यह उपहार मिले

इस दासी का मेरे सांवरिया ना आवागमन दोबारा हो

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