मीरा तो बैरागन हो गयी बाली उमरिया में….

 

मीरा तो बैरागन हो गयी

बाली उमरिया में..

 

जहर के प्याले मंगवाए

वे जबरन मीरा को पियाये

जहर वो तो अमृत हो गए

बाली उमरिया में..

 

सर्प जहरीले मंगवाए

गले मीरा के डलवाये

हार वो तो फुलवा बनगे

बाली उमरिया में..

 

मेरे तो हैं गिरधर गोपाल

छुड़ाए दियो मोह माया का जाल

मीरा तो भवसागर तर गयी

बाली उमरिया में…….          

श्याम की मीरा दीवानी

काहू की एक नहीं मानी

पति तो अब गिरधर हो गए

बाली उमरिया में…….

Comments