मेरे सतगुरु पकड़ी बाँह नहीं तो मै बह जाती

 

मेरे सतगुरु पकड़ी बाँह

नहीं तो मै बह जाती

 

गंगा नहाये हरि मिले तो सबको हर मिल जाएं

मेंढक मछली जल के अंदर

वो क्यू ना तर जाएं… नही तो मैं

 

जटा रखाये हरि मिले तो सबको हर मिल जाएं

भालू बंदर वन के अंदर

रहवें जटा बढ़ाये... नहीं तो मैं

 

मूड मुड़ाये हरि मिले तो सबको हर मिल जाएं

भेड़ और बकरी एक साल मै

दो बार मूड़ मुड़ाये नहीं तो मै

 

भस्म रमाए हरि मिले तो सबको हर मिल जाये

गांव की कुड़ी गधा लोट ते

रेत मै लोट लगाय….. नही तो मै

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