सोए गए कुंभकरण की नींद श्याम ना जगे जगाए से

 

सोए गए कुंभकरण की नींद

श्याम ना जगे जगाए से

 

श्याम तोहै मीरा टेर रही रे

बाट प्याले में देख रही रे

तुमने कहां लगा दी देर

अमृत बने ना बनाए से

 

श्याम तो है नरसी टेर रहे रे

डाल दिए जूनागढ़ डेरा रे

तुमने कहां लगा दी देर

बात ना भरे भराए से

 

श्याम तो है हरिचंद टेर रहे रे

बात पनघट पर देख रहे रे

तुमने कहा लगा देर

घड़ा ना उठे उठाये से

 

श्याम तो है मोरध्वज टेर रहे रे

बाट आरे में देख रहे रे

तुमने कहां लग दई देर

लाल ना बचे बचाए से

 

श्याम तोहै द्रोपति टेर रही रे

बाट भरी सभा में देख रही रे

तुमने कहां लगा दी देर

चीर ना बड़े बढाये से

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