तेरे
चरणो मे बजरंगी, शत शत परणाम हमारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
1 दिन बड़े प्रेम से, रही खिला अंजना माई
गोदी से उतर के तुमने सूरज की कला दबाई
अंधकार हुआ लोको में, भयभीत हुआ जग सारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
छिप गया पर्वत पर जाकर, सुग्रीव को भय था भारी
श्री राम लखन को लाए, मेटी थी शंका सारी
संकट में जनक दुलारी, श्रीराम का कारज सारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
कोई अंजनी सूत कहता है, कोई कहे केसरी जाया
बल पवन समान बताया ना भेद किसी को पाया
सीता को रूप दिखाया तीनो लोको से न्यारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
कांधे पर मुझ जनेऊ, कर ध्वजा और गदा विराजे
संकटमोचन है स्वामी लख रूप देवता धारे
कह राम रतन दुख भागै जो रटता नाम तुम्हारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
1 दिन बड़े प्रेम से, रही खिला अंजना माई
गोदी से उतर के तुमने सूरज की कला दबाई
अंधकार हुआ लोको में, भयभीत हुआ जग सारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
छिप गया पर्वत पर जाकर, सुग्रीव को भय था भारी
श्री राम लखन को लाए, मेटी थी शंका सारी
संकट में जनक दुलारी, श्रीराम का कारज सारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
कोई अंजनी सूत कहता है, कोई कहे केसरी जाया
बल पवन समान बताया ना भेद किसी को पाया
सीता को रूप दिखाया तीनो लोको से न्यारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
कांधे पर मुझ जनेऊ, कर ध्वजा और गदा विराजे
संकटमोचन है स्वामी लख रूप देवता धारे
कह राम रतन दुख भागै जो रटता नाम तुम्हारा
महारी आशा कर दो पूरी रहे बोल भगत जयकारा
Thanks bhai
ReplyDeleteVery good bhajan
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