भजन
एक झोली में फूल भरें हैं एक झोली में काँटे अरे कोई कारण होगा।
तेरे बस में कुछ भी नहीं ये तो बाँटने वाला बाँटे अरे कोई कारण होगा।
1)-पहले बनती हैं तकदीरें फिर बनते हैं शरीर
ये तो प्रभु की कारीगरी है
तू क्यों है गंभीर…..
अरे कोई कारण होगा।
2)-नाग भी डस ले तो मिल जाये
किसी को जीवन दान
चींटी से भी मिट सकता है
किसी का नामो निशान….
अरे कोई कारण होगा।
3) - तन का बिस्तर मिल जाये
पर नींद को तरस नैन
काँटो पर भी सोकर के
आये किसी को चैन…..
अरे कोई कारण होगा।
4)-सागर से भी बुझ न पाये
कभी किसी की प्यास
एक बूँद में हो जाती है
पूरण सब की आस ……
अरे कोई कारण होगा।
5) - मंदिर मस्जिद में भी जाकर
कभी न आये ज्ञान
मिटटी में मोती मिल जाये
पत्थर मैं भगवान
अरे कोई कारण होगा।
Comments
Post a Comment