भजन
ना झटको जुल्फ से पानी
न
देना दोष किस्मत को, विपत्ति सबको सताती है
विपत आयी अंधी अन्धो पर,
मरा था लाल जब श्रवण
न
देना दोष दशरथ को, विपत्ति सबको सताती है
विपत आयी राजा दशरथ पर,
गए
थे
राम जब वन को
न
देना दोष कैकयी को, विपत्ति सबको सताती है
विपत्ति राघव पे आती है, सिया चोरी हो जाती है
न
देना दोष रावण को, विपत्ति सबको सताती है
विपत्ति रावण पे आती है, लंका सोने की जलती है
न
देना दोष हनुमत को, विपत्ति सबको सताती है
विपत्ति जब खुद पे आ जाये,
प्रभु का नाम जप लेना
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