हरदम है तैयार तू पाप कमाने के लिए अरे कुछ तो समय निकाल हरि गुण गाने के लिए

 

भजन

  

हरदम है तैयार तू पाप कमाने के लिए

अरे कुछ तो समय निकाल हरि गुण गाने के लिए

 

जब तक तेल दिए मैं बाती जगमग हो रही है

जल गया तेल पजर गयी बाती ले ले चल हो रही है

चार जाने जब आते हैं ले जाने के लिए

अरे कुछ तो समय निकाल………..

 

गर्भ वास मैं कॉल किया था नाम जपूँगा तेरा रे

इस झूठी दुनिया में आकर नाम भूल गया मेरा रे

ऋषि मुनि सब आते हैं समझाने के लिए

अरे कुछ तो समय निकाल………..

 

हाड़ जले जैसे सूखी लकड़ी केश जले जैसे घासा रे

कंचन जैसी काया जल गई कोई आया पासा रे

अपने पराये आते हैं समझने के लिए

अरे कुछ तो समय निकाल………..

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